partnership 2
DRAWING AND INTEREST ON DRAWING
आहरण पर ब्याज : partners firm के आलावा निजी कार्य के लिए भी रकम निकाल सकता है इसका संलेख में प्रावधान होने पर इस रकम पर ब्याज लिया जाता है
यह ब्याज व्यवसाय के लिए लाभ हानि नियोजन खाते में cr. कर दिया जाता है आहरण पर ब्याज की गणना एक निर्धारित ब्याज की दर से एवं आहरण अवधि को ध्यान रखकर लगाया जाता है
इसकी गणना month के start में और month के last में किया जाता है आहरण की राशि सामान्य असामान्य दोनों हो सकती है
entry:
1 . partner's capital a/c dr.
to interest on drawings a/c
( being interest due)
2. interest on drawings a/c dr
to profit &loss appropriation a/c
( being interest transferred to p&l a/c )
दोनों के स्थान पर एक entry की जा सकती है
1 partner's capital a/c dr.
to profit & loss appropriation a/c
( being interest on drawing changed )
सूत्र ;
interest on drawing ( one month ) =product *interest rate /100 *1/12
1 माह के मध्य में किया जाता है तो आहरण पर ब्याज 6 माह के लिए कुल किये गए आहरण पर निकाला जा सकता है
2 प्रत्येक माह की पहली तारीख को निकाला गया हो तो आहरण पर ब्याज 6 1 /2 (6.5) माह के लिए कुल आहरण पर निकला जाता है
3 जब माह के अंतिम तिथि पर किया गया हो तो आहरण पर ब्याज 5 1 /2 (5.5) माह के लिए कुल आहरण पर निकला जाता है
ये तीनो पर ब्याज गुणनफल विधि से किया जाता है
आहरण पर ब्याज : partners firm के आलावा निजी कार्य के लिए भी रकम निकाल सकता है इसका संलेख में प्रावधान होने पर इस रकम पर ब्याज लिया जाता है
यह ब्याज व्यवसाय के लिए लाभ हानि नियोजन खाते में cr. कर दिया जाता है आहरण पर ब्याज की गणना एक निर्धारित ब्याज की दर से एवं आहरण अवधि को ध्यान रखकर लगाया जाता है
इसकी गणना month के start में और month के last में किया जाता है आहरण की राशि सामान्य असामान्य दोनों हो सकती है
entry:
1 . partner's capital a/c dr.
to interest on drawings a/c
( being interest due)
2. interest on drawings a/c dr
to profit &loss appropriation a/c
( being interest transferred to p&l a/c )
दोनों के स्थान पर एक entry की जा सकती है
1 partner's capital a/c dr.
to profit & loss appropriation a/c
( being interest on drawing changed )
- गुणनफल विधि ( product method ) :इस विधि के अंतर्गत प्रत्येक आहरण की गई राशि को उसके प्रयोग किये जाने वाली अवधि से गुणा किया जाता है अंत में गुणनफलो का कुल योग ज्ञात किया है
सूत्र ;
interest on drawing ( one month ) =product *interest rate /100 *1/12
- जब आहरण की राशि एवं समय अवधि असमान है : इस विधि में गणना गुणनफल विधि का प्रयोग करते है
- जब आहरण की राशि व समान अवधि के लिए हो :
1 माह के मध्य में किया जाता है तो आहरण पर ब्याज 6 माह के लिए कुल किये गए आहरण पर निकाला जा सकता है
2 प्रत्येक माह की पहली तारीख को निकाला गया हो तो आहरण पर ब्याज 6 1 /2 (6.5) माह के लिए कुल आहरण पर निकला जाता है
3 जब माह के अंतिम तिथि पर किया गया हो तो आहरण पर ब्याज 5 1 /2 (5.5) माह के लिए कुल आहरण पर निकला जाता है
ये तीनो पर ब्याज गुणनफल विधि से किया जाता है
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