Posts

ग्लोब : अक्षांश एवं देशांतर

ग्लोब : अक्षांश एवं देशांतर  हमारी पृथ्वी गोलाकार नहीं है यह उत्तर एवं दक्षिण धुरुव पर थोड़ी चपटी तथा मध्य में थोड़ी उभरी है  ग्लोब पर देशो महाद्वीपों तथा महासागर को उनके सही आकर में दिखाया जाता है  एक सुई ग्लोब में झुकी हुई अवस्था में स्थित होती है जिसे अक्ष कहते है  ग्लोब में दो बिन्दुओ को देखते है  उत्तरी धुरुव : एक ग्लोब के ठीक ऊपर की और होता है जिसे हम उत्तरी धुरुव कहते है दक्षिणी धुरुव : दूसरा एकदम नीचे की ओर होता है जिसे दक्षिणी धुरुव कहते है  भुमध्य रेखा या विषुवत रेखा : इन दोनों धुरव के बीच एक व्रत खींचा हुआ दिखाई देता है जिसे भूमध्य रेखा कहते है  पृथ्वी के उत्तर  में स्थित आधे भाग को उत्तरी गोलार्ध तथा दक्षिण वाले आधे भाग को दक्षिण गोलार्ध कहा जाता है  यहाँ दोनों आधे भाग को दक्षिणी गोलार्ध कहा जाता है यह दोनों बराबर बराबर आधे भाग   अक्षांश रेखाएं  : ये दोनों बराबर के आधे भाग होते है वषुवत व्रत पृथ्वी पर एक काल्पनिक व्रत बनाती है यह पृथ्वी पर विभिन्न स्थानों की स्थिति बताने का सबसे महत्वपूर्ण सन्दर्भ...

सौर मंडल में पृथ्वी

                सौर मंडल में पृथ्वी 1 .  चन्द्रमा  - चन्द्रमा अलग आकार अलग समय पर अलग स्थिति में देखा जाता है   2 .  पूर्णिमा    - पूर्ण चन्द्रमा को लगभग एक मंथ में 1 बार देखा जाता है यह पूरा एक माह   में दिखाई देता है   जिसे पूर्णिमा कहा जाता है   3   आमबस्या  - जिस दिन चन्द्रमा का प्रकाशित भाग बिलकुल दिखाई नहीं देता उसे अमबस्या बोलते है   4 .  खगोलीय पिंड  - सूर्य   चन्द्रमा तथा वे सभी वस्तुए जो रात के समय आसमान में चमकती है बाह खगोलीय पिंड कहलाती है   5 .   खगोलीय पिंड का तारा  - कुछ बखगोलिये पिंड बड़े आकर वाले तथा गर्म होते है ये   गैसो से बने होते है इनके पास अपनी ऊष्मा तथा प्रकाश होता है जिसे वे बहुत बड़ी मात्रा म उत्सर्जित करते ह इन खगोलीय पिंडो को तारा कहते है   - सूर्य भी एक तारा ह...